OSHO Hindi

OSHO: स्त्री की क्षमता Stree Ki Kshamta

"मुझसे लोग पूछते हैं कि क्यों स्त्रियां बुद्ध नहीं हुईं, महावीर नहीं हुईं, कृष्ण नहीं हुईं, राम नहीं हुईं?" ओशो OSHO Hindi चैनल के सदस्यता लें - JOIN बटन पर click करें। 💕 सम्पूर्ण श्रंखलायें और विषयबद्ध टॉक्स का संकलन। शुल्क: ₹159 प्रति माह💕 OSHO के प्रयोगों का स्वयं अनुभव करें http://www.osho.com/hi OSHO International ऑनलाइन कोर्सेस https://www.osho.com/osho-international-online/ क्या आप OSHO विडियो अनुवाद परियोजना में भाग लेना चाहेंगे?

OSHO: Jivan Ek Avsar Hai

" जीवन एक अवसर है। जीवन तथ्य नहीं, केवल एक संभावना है--जैसे बीज, बीज में छिपे हैं हजारों फूल, पर प्रकट नहीं--अप्रकट हैं, प्रच्छन्न हैं। बहुत गहरी खोज करोगे तो पा सकोगे।" Osho OSHO Hindi चैनल की सदस्यता लें - JOIN बटन पर click करें। 💕 सम्पूर्ण श्रंखलायें और विषयबद्ध टॉक्स का संकलन। शुल्क: ₹159 प्रति माह💕 https://www.youtube.com/channel/UC6Qv9cHXwzTTAczQud_6WzA/join OSHO के प्रयोगों का स्वयं अनुभव करें http://www.osho.com/hi/ OSHO International ऑनलाइन कोर्सेस

OSHO: शब्दों से बोलता हूँ लेकिन... Shabdon Se Bolta Hoon Lekin...

"बोलने के लिए शब्द के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है--साधारणतः। शब्द से ही बोला जाएगा। और फिर भी यह सत्य है कि शब्द से बोला नहीं जा सकता। ये दोनों बातें ही सत्य हैं।" - ओशो पूरा प्रवचन सुनने के लिए देखें "मैं कहता आंखन देखी #1" https://shop.osho.com/hi/osho-audiobooks-hindi/series-of-osho-talks/mai… पुस्तक फ्लिप्कार्ट पे भी उपलब्ध https://www.flipkart.com/main-kahta-ankhan-dekh

OSHO: सक्रीय ध्यान फिर विपस्सना Sakriy Dhyan Fir Vipassana

“मेरा मानना है कि बीसवीं सदी में किसी भी व्यक्ति को अगर ध्यान की ऊंचाइयों पर जाना है, तो सक्रिय-ध्यान से ही शुरू करना पड़ेगा। क्योंकि जो हजारों तरह की दमित वासनाएं भीतर पड़ी हैं, उनको सक्रिय-ध्यान उलीच कर बाहर कर देता है।” ...

OSHO: मुझे सुन रहे हो तो बात और है Mujhe Sun Rahe Ho To Baat Aur Hai

"जब तुम मुझे सुनते हो तो कभी-कभी तुम्हारे जाने-अनजाने मैं भी तुम में प्रवेश कर जाता हूं। कम ही तुम ऐसा मौका देते हो। लेकिन कभी-कभी चूक तुमसे हो जाती है। कभी-कभी बे-भान, तुम जरा दरवाजा खुला छोड़ देते हो, मैं भीतर आ जाता हूं। इसलिए तुम जब मुझे सुन रहे हो तो बात और है। इसलिए सत्य सदा कहा गया है, लिखा नहीं गया। लिखा जा नहीं सकता। कहना भी बहुत मुश्किल है, लेकिन फिर भी कहा जा सकता है, थोड़ा-सा कहा जा सकता है। ऐसी थोड़ी-सी खबर दी जा सकती है। क्योंकि कहने में कई बातें सम्मिलित हैं, जो लिखने में खो जाती हैं।" ओशो OSHO Hindi चैनल के सदस्यता लें - JOIN बटन या इस लिंक पर click करें

OSHO: Therapy-Group (समूह चिकित्सा)

"मैं बीसवीं सदी के आदमी के साथ बात कर रहा हूं। मुझे बीसवीं सदी के ढंग की बात करनी होगी। नहीं तो मैं तिथि-बाह्य मालूम होऊंगा, मेरा कोई अर्थ नहीं होगा।" - ओशो, सहज योग #8 पुस्तक Amazon पर उपलब्ध: https://www.amazon.in/Sahaj-Yog-OSHO/dp/8172611730 OSHO के प्रयोगों का स्वयं अनुभव करें OSHO International Meditation Resort में: http://www.osho.com/hi/visit एक सम्पूर्ण कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं, जिसमे OSHO Meditations, OSHO Active Meditations और OSHO Multiversity शामिल हैं। OSH

OSHO: Param Mukti (Part 1)

OSHO International Foundation presents : परम मुक्ति (भाग-1) संन्यास तुम्हारे प्राणों का गीत है, तुम्हारे प्राणों की सुवास है। खिलो, मगर किसी और की मान कर नहीं, अपनी मान कर। प्राणों से उठने दो यह सुवास तो यही सुवास स्वतंत्रता है, परम मुक्ति है, सत्य है, निर्वाण है। The Ultimate Freedom (Part 1) Sannyas is the song of your being, the fragrance of your being. Flower, but not by listening to someone else rather by listening to your own self. Let the fragrance arise from your being; then this fragrance is freedom, the ultimate liberation, the truth, nirvana.

OSHO: सुनने की कला Sunne Ki Kala

"मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं जो कहूं उसे मान लो। मानने की तो जरूरत ही नहीं है। सिर्फ सुन लो। फिर सोच लेना। पहले ठीक से सुन लो जो कहा जा रहा है।" ओशो OSHO Hindi चैनल के सदस्यता लें - JOIN बटन पर click करें। 💕 सम्पूर्ण श्रंखलायें और विषयबद्ध टॉक्स का संकलन। शुल्क: ₹159 प्रति माह💕 OSHO के प्रयोगों का स्वयं अनुभव करें http://www.osho.com/hi/ OSHO International ऑनलाइन कोर्सेस https://www.osho.com/osho-international-online/ क्या आप OSHO विडियो अनुवाद परियोजना में भाग लेना चाहेंगे?

OSHO-Tyag Nahin Dhyan

OSHO International Foundation presents : OSHO: Tyag Nahin, Dhyan - त्याग नहीं, ध्यान घड़ी आधा घड़ी को आंख बंद करके बैठ जाओ और सिर्फ साक्षीभाव से चुपचाप बैठे रहो। एक दिन वह घड़ी आ जाती है कि मन का रास्ता खाली हो जाता है, जानने को कुछ भी शेष नहीं रह जाता। सिर्फ जानने वाला शेष रह जाता है। जानना उसका स्वभाव है। आज वह अपने को ही जानता है। और एक बार भी किसी ने अपना स्वाद ले लिया, तो उसने अमृत का स्वाद ले लिया। OSHO के प्रयोगों का स्वयं अनुभव करें OSHO International Meditation Resort में: http://www.osho.com/hi/visit एक सम्पूर्ण कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं