OSHO: दान पुण्य रिश्वतें हैं Dan Punya Rishvatein Hain
"तुम्हारे दान-पुण्य बस ऐसे ही हैं। इधर पाप किए चले जाते हैं, उधर थोड़ा पुण्य किए चले जाते हैं। तुम किसे धोखा दे रहे हो?" ओशो OSHO Hindi लाइब्रेरी - 200 से अधिक ओशो पुस्तकों को पढ़ने और खोजने का आनंद लें। https://www.osho.com/hi/osho-hindi-online-library/the-books अनेक पूर्ण डिस्कोर्स एवं सीरीज सुनने के लिए देखें https://www.osho.com/hi/iosho या OSHO Play एप्प डाउनलोड करें https://play.googl