OSHO: सक्रीय ध्यान फिर विपस्सना Sakriy Dhyan Fir Vipassana

“मेरा मानना है कि बीसवीं सदी में किसी भी व्यक्ति को अगर ध्यान की ऊंचाइयों पर जाना है, तो सक्रिय-ध्यान से ही शुरू करना पड़ेगा। क्योंकि जो हजारों तरह की दमित वासनाएं भीतर पड़ी हैं, उनको सक्रिय-ध्यान उलीच कर बाहर कर देता है।” ...

OSHO: Prem Atma Ka Bhojan Hai

प्रेम आत्मा का भोजन है। प्रेम आत्मा में छिपी परमात्मा की ऊर्जा है। प्रेम आत्मा में निहित परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग है। Love is the food of the soul. Love is the energy of godliness hidden in the soul. Love is the path to godliness intrinsic in the soul.

OSHO: भीड़ गुलाम चाहती है Bheed Gulam Chahti Hai

"भीड़ चाहती है कि सदा तुम भीड़ के साथ राजी रहो। भीड़ तुम्हें स्वतंत्रता नहीं देना चाहती। भीड़ व्यक्ति को बरदाश्त नहीं करती। भीड़ व्यक्ति की हत्या करती है, व्यक्ति को बिलकुल मिटा देना चाहती है। भीड़ गुलाम चाहती है।" ओशो OSHO Hindi चैनल के सदस्यता लें - JOIN बटन पर click करें। 💕 सम्पूर्ण श्रंखलायें और विषयबद्ध टॉक्स का संकलन। शुल्क: ₹159 प्रति माह💕 https://www.youtube.com/channel/UC6Qv9cHXwzTTAczQud_6WzA/join OSHO के प्रयोगों का स्वयं अनुभव करें http://www.osho.com/hi/ OSHO In

OSHO: Ham Shuddha Chaitanya Hain

"अगर जिंदगी को खुशी में गुजारना है, अगर जिंदगी को आनंद का एक उत्सव बना लेना है, तो एक ही रास्ता है: अहंकार को मिट जाने दो। अहंकार दुख है, अहंकार नर्क है। अहंकार के अतिरिक्त न कोई दुख है न कोई नर्क है। और जहां अहंकार गया वहीं स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं। और वे द्वार तुम्हारे भीतर हैं। " "If you want to live life joyously, if you want to make life a blissful celebration, then there is only one way: let the ego disappear. The ego is misery, the ego is hell. There is no other misery or hell besides the ego. And where the ego disappears, the doors to heaven open.